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प्रेम पिता का दिखाई नहीं देता / चन्द्रकान्त देवताले
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02:43, 30 मार्च 2012
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तुम्हारी निश्चल आंखें
कि मेरी भाषा के अहाते से परे है तुम्हारी परछाई
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Dr. ashok shukla
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