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<Poem>
जप्यारे प्यारे भाइयो!
हमारे सामने है अनुचित अनुपात का एक उदाहरण
ऊपर देखिये, यह रहा डायनासोर का कंकाल
प्रिय मित्रो!
बांईं बाईं तरफ़ हम देख सकते हैं अनन्त तक घिसटती एक पूंछ
और दाईं तरफ़ दूसरे अनन्त तक घिसटती गरदन
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