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गिलहरी / जगदीश व्योम

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अगड़म-बगड़म लाती।
गिलहरी दिनभर आती-जाती।।
 
 
ठीक रसोईघर के पीछे
 
शीशे की खिड़की के नीचे
 
`एस्किमो' सा गोल-गोल घर
 
चुन-चुन खूब बनाती।
 
गिलहरी दिनभर आती-जाती।।