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साँचा:घनश्याम हमारी आँखों में / शिवदीन राम जोशी
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05:51, 30 मई 2012
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घनश्याम हमारी आंखों में, हम आंखें में घनश्याम के हैं।
सरकार हमारे हो तुम तो, हम दास बने बिन दाम के हैं।।
दुनियां न हमारे काम की है, न हम दुनियां के काम के है।।
घनश्याम...
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आशिष पुरोहित
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