कवि: [[{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=सूरदास]][[Category:कविताएँ]]}}[[Category:सूरदासपद]]
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दृढ इन चरण कैरो भरोसो, दृढ इन चरणन कैरो ।
श्री वल्लभ नख चंद्र छ्टा बिन, सब जग माही अंधेरो ॥
साधन और नही या कलि में, जासों होत निवेरो ॥
सूर कहा कहे, विविध आंधरो, बिना मोल को चेरो ॥
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