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श्री शिव चालीसा / चालीसा

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''''''दोहा''''''''''
''
'''बहन करौ तुम शीलवश, निज जनकौ सब भार।'''''
'''''गनौ न अघ, अघ जाति कछु, सब विधि करौ संभार।।1।।'''''
'''''''दीन-हीन अति मलिन मति, मैं अघ-ओघ अपार।'''''
'''कृपा-अनल प्रगटौ तुरत, करौ पाप सब क्षार।।3।।'''''
'''''''''''कृपा सुधा बरसाय पुनि, शीतल करौ पवित्र।''''''''''राखौ पदकमलनि सदा, हे कुपात्र के मित्र।।4।।'''''
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