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{{KKRachna
|रचनाकार=अज्ञेय
|संग्रह=बावरा अहेरी / अज्ञेय
}}
<poem>
यह दीप अकेला स्नेह भरा
है गर्व भरा मदमाता पर
इस को भी पंक्ति दे दो
'''नयी दिल्ली ('आल्प्स' कहवाघर में), 18 अक्टूबर, 1953'''
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