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{{KKRachna
|रचनाकार=अज्ञेय
|संग्रह=नदी की बाँक पर छाया / अज्ञेय
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पर चुकती नहीं मेरे भीतर की भटकन !
'''नयी दिल्ली, दिसम्बर, 1980'''
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