गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मेरो जीव जो मारतु मोहिं तौ / घनानंद
64 bytes added
,
14:11, 27 अगस्त 2012
जानि के होत इते पै अजान जो ,
तौ बिन पावक ही दहनौ है .
</poem>
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,146
edits