Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=घनानंद }} <poem> जिय की बात जनाइये क्य...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=घनानंद
}}
<poem>


जिय की बात जनाइये क्यों करि,
जान कहाय अजाननि आगौ .

तीरन मारि कै पीरन पावत ,
एक सो मानत रोइबो रागौ .

ऐसी बनी ‘घनआनन्द’ आनि जु,
आनन सूझत सो किन त्यागौ.

प्रान मरेंगे भरेंगे बिथा पै,
अमोही से काहू को मोह न लागौ .

</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,146
edits