|रचनाकार=भूषण
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गरुड़ को दावा सदा नाग के समूह पर ,
दावा नाग जूह पर सिंह सिरताज को.
दावा पुरहुत को पहारन के कूल पर ,
पच्छिन के गोल पर दावा सदा बाज को .
भूषण अखंड नव ख्ब्द महि मंडल में ,
तुम पर दावा रवि किरन समाज को .
पूरब पछांह देश दच्छिन ते उत्तर लौं ,
जहाँ पातसाही तहाँ दावा सिवराज को .<poem>