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बरगद / संगीता गुप्ता
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11:40, 10 सितम्बर 2012
बरगद के नीचे आकर
निष्चिन्त
निश्चिन्त
हो जाते हैं
धूप से अकुलाए लोग
आशिष पुरोहित
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