भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|रचनाकार=अकबर इलाहाबादी
}}
{{KKJeevani
|रचनाकार=मजाज़ लखनवी
|चित्र=Ak allahabad2.JPG
}}
अकबर इलाहाबादी विद्रोही स्वभाव के थे। वे रूढ़िवादिता एवं धार्मिक ढोंग के सख्त खिलाफ थे और अपने शेरों में ऐसी प्रवृत्तियों पर तीखा व्यंग्य (तंज) करते थे। उन्होंने 1857 का पहला स्वतंत्रता संग्राम देखा था और फिर गांधीजी के नेतृत्व में छिड़े स्वाधीनता आंदोलन के भी गवाह रहे। उनका असली नाम सैयद हुसैन था। उनका जन्म 16 नवंबर, 1846 में इलाहाबाद में हुआ था। अकबर कॆ उस्ताद् का नाम वहीद था जॊ आतिश कॆ शागिऱ्द् थॆ वह अदालत में एक छोटे मुलाजिम थे, लेकिन बाद में कानून का अच्छा ज्ञान प्राप्त किया और सेशन जज के रूप में रिटायर हुए। इलाहाबाद में ही 9 सितंबर, 1921 को उनकी मृत्यु हो गई।
<poem>
मयखाना-ए-रिफार्म की चिकनी जमीन पर
तुमको खबर नहीं जमाना बदल गया
</poem>