भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[सुकूँ ज़मीने-कनाअत पे जब नज़र आया / ‘शुजाअ’ खावर]]
* [[उड़ा क्या जो रुख़ पर हवा के उड़ा / ‘शुजाअ’ खावर]]
* [[इस एतबार से बेइन्तहा ज़रूरी पहुँचा हुजूर-ए-शाह हर एक रंग का फ़कीर / ‘शुजाअ’ खावर]]* [[क्या किया जाये यही अल्लाह को मंज़ूर है / ‘शुजाअ’ खावर]]
<sort>