{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निर्मला देवी
|अनुवादक=[[दिनेश कुमार माली]]
|संग्रह=ओड़िया भाषा की प्रतिनिधि कविताएँ / दिनेश कुमार माली
}}
{{KKCatKavita}}
'''रचनाकार:''' निर्मला देवी (1907-1987)
'''जन्मस्थान:''' बालीकूदा, कटक
'''कविता संग्रह:''' दिनान्ते (1953), सीमांते(1962), वर्णराग(1986)
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<poem>
तुम तो हो रंगहीन
मगर रंग धारण करते हो कैसे ?
तुम तो हो गंधहीन
मगर असंख्य सुगंधों में सुवासित होते हो कैसे ?
तुम तो हो स्पर्शहीन
मगर हर प्राणी में सिहरन उठाते हो कैसे ?
तुम तो हो रसहीन
मगर पूरी सृष्टि को रसमय बनाते हो कैसे ?
तुम तो हो रूपहीन
मगर अनंत रूप दिखाते हो कैसे ?
तुम तो हो शब्दहीन
मगर विश्व को शब्दमय बनाते हो कैसे ?
दिखते हो तुम एकदम विचित्र
सुनो, कैसे बनाऊँ मैं तुम्हारे चित्र
</poem>