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शिव / शिवदीन राम जोशी

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शिवदीन सदा शिव सहायक है,
वर दायक दानी वे दाता हमारा |
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(सवैया छंद )
शिव शीश पे गंग तरंग सजे शुभ साजत है तेरे जूट जटा |
अहि नाग गले लपटैं झपटैं गन राज चढ़े कैलाश अटा |
भंग के रंग में भूतों के संग में शंकर धन्य उमा की छटा |
शिवदीन सुप्यार सुधा बरषे महादेव लखे नभ माहीं घटा |
 
<poem>
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