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|रचनाकार=विमल राजस्थानी
|संग्रह=फूल और अंगारे / विमल राजस्थानी
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फूलों के बदले न अश्रु तुम मा के पद पर डालो
ओ भूखे इंसान ! डगमगाते ये चरण सँभालो
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