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(बतर्ज : न हुआ, पर न हुआ मीर का अंदाज नसीब
जौक़ यारों ने बहुत जोर ग़ज़ल में मारा)
ख़बर है कि नहीं रहा एक अगला दाँत कवि त्रिलोचन का
न हुआ पर न हुआ अफ़सोस मीर का नसीब