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|रचनाकार=गुलज़ार
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<poem>
हम चीज़ हैं बड़े काम की, यारम
हमें काम पे रख लो कभी, यारम
कोई खबर आई न पसंद तो एंड बदल देंगे
हो मुंह खुली जम्हाई पे पर
हम बजाएं चुटकियाँ
धूप न तुमको लगे
फिल्म - एक थी डायन(2013)
</poem>