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चाँदनी रात में नौका विहार / रामकृष्ण दीक्षित 'विश्व'
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08:41, 8 अप्रैल 2013
रूप धन बिखेरती रात जगमगा रही
और हमें संग लिए नाव चली जा रही
सिन्धु की पुकार पर मिलन का उभार भर
Mani Gupta
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