Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामकृष्ण दीक्षित 'विश्व' }} {{KKCatKavita‎}} ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रामकृष्ण दीक्षित 'विश्व'
}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>
जो मर्द है जीने का मजा उनके लिए है
मरने का हक़ भी मैंने सुना उनके लिए है(१)

जलते है जवानी में जो मेहनत की धूप में
यह मस्त चाँदनी की छटा उनके लिए है(२)

पीते है जो शराब ज़माने के दर्द की
सावन की गुनगुनाती घटा उनके लिए है(३)

पतझर में जो गाते है बहारो का तराना
कलियों की निगाहों का नशा उनके लिए है(४)

संघर्ष के घावो से तडपते जो दी रात
लहराते आंचलो की हवा उनके लिए है(५)

मंजिलो को जो पहनाते है कोशिश की चुनरिया
किस्मत के सितारों का पता उनके लिए है(६)

जो आदमी को धर्मं का पुतला नहीं कहते
यह गाड या ईश्वर या खुदा उनके लिए है(७)

जो जुल्म के घावो से खड़े जूझ रहे है
लंका को जलाने की कथा उनके लिए है(८)

होते है जो शहीद अपने वतन के लिए
इतिहास का हर जलता दिया उनके लिए है(९)
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits