भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|रचनाकार=उदय भान मिश्र
}}
{{KKCatKavitaKKCatGeet}}
<poem>
हंस लो कुछ क्षण और धरा पर, नभ के चांद सितारो!!