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क्यों अश्रु न हों श्रृंगार मुझे! / महादेवी वर्मा
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11:23, 15 अक्टूबर 2007
सौरभ पर मेरे तोल गान,
बिन माँगे तुमने दे डाला, करुणा का पारावार मुझे!
चिर सुख-दुख के दो पार मुझे!
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Shishirmit