भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नीरज दइया |संग्रह=उचटी हुई नींद / ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नीरज दइया
|संग्रह=उचटी हुई नींद / नीरज दइया
}}
{{KKCatKavita}}<poem>भूल जाती हैं
अपना रास्ता
परेशानियां सारी
जब आता है-
जीवन में प्रेम....
जिंदा रहने के लिए
जरूरी है-
किसी सपने में जीना....
बिना सपनों के
बिना अपनों के
बस मरा जा सकता है।
प्रेम में बसा लेना-
तुम अपनी एक दुनिया.... </poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=नीरज दइया
|संग्रह=उचटी हुई नींद / नीरज दइया
}}
{{KKCatKavita}}<poem>भूल जाती हैं
अपना रास्ता
परेशानियां सारी
जब आता है-
जीवन में प्रेम....
जिंदा रहने के लिए
जरूरी है-
किसी सपने में जीना....
बिना सपनों के
बिना अपनों के
बस मरा जा सकता है।
प्रेम में बसा लेना-
तुम अपनी एक दुनिया.... </poem>