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महेन्द्र भटनागर / परिचय

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महेंद्रभटनागर{{KKRachnakaarParichay|रचनाकार=महेन्द्र भटनागर}}२६ जून १९२६ को प्रातः ६ बजे झाँसी (उ. प्र.) में, ननसार में, जन्म। प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी, मुरार (ग्वालियर), सबलगढ़ (मुरैना) में। शासकीय विद्यालय, मुरार (ग्वालियर) से मैट्रिक (सन्१९४१), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर (सत्र ४१-४२) और माधव महाविद्यालय, उज्जैन (सत्र्४२-४३) से इंटरमीडिएट (सन्१९४३), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से बी. ए. (सन्१९४५), नागपुर विश्वविद्यालय से सन्१९४८ में एम. ए. (हिन्दी) और सन्१९५७ में 'समस्यामूलक उपन्यासकार प्रेमचंद' विषय पर पी-एच. डी.। जुलाई १९४५ से अध्यापन-कार्य — उज्जैन, देवास, धार, दतिया, इंदौर, ग्वालियर, महू, मंदसौर में। 'कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग्वालियर (जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर) से १ जुलाई १९८४ को प्रोफ़ेसर-अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त।
कार्यक्षेत्र : चम्बल-अंचल, मालवा, बुंदेलखंड। अधिकांश साहित्य 'महेंद्रभटनागर-समग्र' के छह-खंडों में एवं काव्य-सृष्टि 'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा' के तीन खंडों में प्रकाशित। सम्पर्क : डा. महेंद्रभटनागर, सर्जना-भवन, ११० बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर — ४७४ ००२ [म. प्र.]फ़ोन : ०७५१-४०९२९०८ / मो. ९८ ९३४ ०९७९३E-Mail : drmahendra02@gmail.com; drmahendrabh@rediffmail.com
द्वि-भाषिक कवि — हिन्दी और अंग्रेज़ी।
सन्१९४१ सन् १९४१ के लगभग अंत से काव्य-रचना आरम्भ। तब कवि (पन्द्रह वर्षीय) महेन्द्र भटनागर 'विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर' में इंटरमीडिएट (प्रथम वर्ष) का के छात्र था। थे। सम्भवतः प्रथम उनकी पहली कविता 'सुख-दुख' है; जो उनके कालेज की वार्षिक पत्रिका 'विक्टोरिया कॉलेज मेगज़ीन' के किसी अंक में छपी थी। वस्तुतः प्रथम प्रकाशित कविता 'हुंकार' है; जो 'विशाल भारत' (कलकत्ता) के मार्च १९४४ के अंक में प्रकाशित हुई।
लगभग छह वर्ष की काव्य-रचना का परिप्रेक्ष्य स्वतंत्रता-पूर्व भारत; शेष स्वातंत्र्योत्तर।
समाजार्थिक-राष्ट्रीय-राजनीतिक चेतना-सम्पन्न रचनाकार।
सन्१९४६ सन् १९४६ से प्रगतिवादी काव्यान्दोलन से सक्रिय रूप से सम्बद्ध। 'हंस' (बनारस / इलाहाबाद) में कविताओं का प्रकाशन। तदुपरान्त अन्य जनवादी-वाम पत्रिकाओं में भी। प्रगतिशील हिन्दी कविता के द्वितीय उत्थान के चर्चित हस्ताक्षर।
सन् १९४९ से काव्य-कृतियों का क्रमशः प्रकाशन।
प्रगतिशील मानवतावादी कवि के रूप में प्रतिष्ठित। समाजार्थिक यथार्थ के अतिरिक्त अन्य प्रमुख काव्य-विषय रहे— प्रेम, प्रकृति, जीवन-दर्शन। दर्द की गहन अनुभूतियों के समान्तर जीवन और जगत के प्रति आस्थावान कवि। अदम्य जिजीविषा एवं आशा-विश्वास के अद्भुत-अकम्प स्वरों के सर्जक।
काव्य-शिल्प के प्रति विशेष रूप से जागरूक।
 
छंदबद्ध और मुक्त-छंद दोनों में काव्य-सॄष्टि। छंद-मुक्त गद्यात्मक कविता अत्यल्प। मुक्त-छंद की रचनाएँ भी मात्रिक छंदों से अनुशासित।
 
काव्य-भाषा में तत्सम शब्दों के अतिरिक्त तद्भव व देशज शब्दों एवं अरबी-फ़ारसी (उर्दू), अंग्रेज़ी आदि के प्रचलित शब्दों का प्रचुर प्रयोग।
 
सर्वत्र प्रांजल अभिव्यक्ति। लक्षणा-व्यंजना भी दुरूह नहीं। सहज काव्य के पुरस्कर्ता। सीमित प्रसंग-गर्भत्व।
विचारों-भावों को प्रधानता। कविता की अन्तर्वस्तु के प्रति सजग।
२६ जून १९२६ को प्रातः ६ बजे झाँसी (उ. प्र.) में, ननसार में, जन्म।प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी, मुरार (ग्वालियर), सबलगढ़ (मुरैना) में। शासकीय विद्यालय, मुरार (ग्वालियर) से मैट्रिक (सन्१९४१), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर (सत्र ४१-४२) और माधव महाविद्यालय, उज्जैन (सत्र्४२-४३) से इंटरमीडिएट (सन्१९४३), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से बी. ए. (सन्१९४५), नागपुर विश्वविद्यालय से सन्१९४८ में एम. ए. (हिन्दी) और सन्१९५७ में 'समस्यामूलक उपन्यासकार प्रेमचंद' विषय पर पीमहेंद्रभटनागर की कविता-एच. डी.जुलाई १९४५ से अध्यापन-कार्य — उज्जैन, देवास, धार, दतिया, इंदौर, ग्वालियर, महू, मंदसौर में।गंगा'कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग्वालियर (जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर) से १ जुलाई १९८४ को प्रोफ़ेसर-अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त।कार्यक्षेत्र : चम्बल-अंचल, मालवा, बुंदेलखंड।
सम्प्रति शोध-निर्देशक — हिन्दी भाषा एवं साहित्य।
 
अधिकांश साहित्य 'महेंद्रभटनागर-समग्र' के छह-खंडों में एवं काव्य-सृष्टि 'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा' के तीन खंडों में प्रकाशित।
 
सम्पर्क :
डा. महेंद्रभटनागर
सर्जना-भवन, ११० बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर — ४७४ ००२ [म. प्र.]
फ़ोन : ०७५१-४०९२९०८ / मो. ९८ ९३४ ०९७९३
E-Mail : drmahendra02@gmail.com
drmahendrabh@rediffmail.com
 
 
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'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा'
खंड : १
मूल्यांकन / शोध
[१] महेंद्रभटनागर की काव्य-संवेदना : अन्तःअनुशासनीय आकलन --डा. वीरेंद्र सिंह (जयपुर)
[२] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-कर्म
डा. विनीता मानेकर (तिरोड़ा-भंडारा / महाराष्ट्र)
[११] प्रगतिवादी कवि महेंद्रभटनागर : अनुभूति और अभिव्यक्ति / (शोध / जीवाजी वि., ग्वालियर)
डा. माधुरी शुक्ला (स्व.)
[१२] महेंद्रभटनागर के काव्य का वैचारिक एवं संवेदनात्मक धरातल (शोध / सम्बलपुर वि., उड़ीसा)
डा. रजत कुमार षड़ंगी (कोरापुट-उडी़सा)
[१३] डा. महेंद्रभटनागर : व्यक्तित्व और कृतित्व (शोध / कर्नाटक वि.)
डा. मंगलोर अब्दुलरज़ाक बाबुसाब (गदग-कर्नाटक)
[१४] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य का नव-स्वछंदतावादी मूल्यांकन (शोध / दयालबाग डीम्ड वि., आगरा)
डा. कविता शर्मा (आगरा)
डा. मीना गामी (दरभंगा)
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CRITICAL STUDY OF MAHENDRA BHATNAGAR'S POETRY
In Malyalam, Gujrati, Manipuri, Urdu.
In Czech, Japanese, Nepali,
 
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Links :
(3) www.poetrypoem.com/mpb3
[‘Death-Perception : Life-Perception’ /
‘A Handful Of Light’]
(4) www.poetrypoem.com/mpb
[ Critics & Mahendra Bhatnagar’s Poetry]
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प्रस्तुति : डा. शालीन कुमार सिंह, बदायूँ [उ.प्र.]
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