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{{KKShayar}}
* [[ अँगड़ाई भी वो लेने न पाए उठा के हाथ / 'निज़ाम' रामपुरी]]* [[छेड़ मंजूर है क्या आषिक-ए-दिल-गीर के साथ / 'निज़ाम' रामपुरी]]* [[कभी मिलते थे वो हम से ज़माना याद आता है / 'निज़ाम' रामपुरी]]* [[साफ़ बातों में तो कुदूरत है / 'निज़ाम' रामपुरी]]* [[तुम से कुछ कहने को था भूल गया / 'निज़ाम' रामपुरी]]* [[याँ किये ग़म है जो गिर्या ने असर छोड़ दिया / 'निज़ाम' रामपुरी]]