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* [[ पाबंद-ए-एहतियात-ए-वफ़ा भी न हो सके / 'मख़मूर' जालंधरी]]* [[सज्दे जबीन-ए-शौक़ के अब राएगाँ नहीं / 'मख़मूर' जालंधरी]]