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Kavita Kosh से
* [[साबित ये करूँगा के हूँ या नहीं हूँ मैं / मनमोहन 'तल्ख़']]
* [[सदाओं का न ख़ला देख कर डरा मझ को / मनमोहन 'तल्ख़']]
* [[ये शहर शहर सर-ए-आम अब मुनादी है / मनमोहन 'तल्ख़']]
* [[यूँही नहीं हम बोलते जाते ये अपनी मजबूरी है / मनमोहन 'तल्ख़']]
* [[ज़माना है के मुझे रोज़ शाम डस्ता है / मनमोहन 'तल्ख़']]
* [[ज़िक्र है दर्द का इक शहर बसा है मुझ से / मनमोहन 'तल्ख़']]