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मेरा कुछ सामान / गुलज़ार

358 bytes removed, 10:27, 4 जुलाई 2013
|रचनाकार=गुलज़ार
}}
<poem>
(1)
जब भी यह दिल उदास होता है
जाने कौन आस-पास होता है
(1)<br>होंठ चुपचाप बोलते हों जब भी यह दिल उदास होता है<br>जाने कौन आससांस कुछ तेज़-पास होता है <br><br>तेज़ चलती होआंखें जब दे रही हों आवाज़ेंठंडी आहों में सांस जलती हो
होंठ चुपचाप बोलते हों जब<br>आँख में तैरती हैं तसवीरेंसांस कुछ तेज़-तेज़ चलती हो<br>तेरा चेहरा तेरा ख़याल लिएआंखें आईना देखता है जब दे रही हों आवाज़ें<br>मुझकोठंडी आहों में सांस जलती हो <br><br>एक मासूम सा सवाल लिए
आँख में तैरती हैं तसवीरें<br>कोई वादा नहीं किया लेकिनक्यों तेरा चेहरा तेरा ख़याल लिए<br>आईना देखता इंतजार रहता है बेवजह जब मुझको<br>क़रार मिल जाएएक मासूम सा सवाल लिए <br><br>दिल बड़ा बेकरार रहता है
कोई वादा नहीं किया लेकिन<br>क्यों तेरा इंतजार रहता जब भी यह दिल उदास होता है<br>बेवजह जब क़रार मिल जाए<br>दिल बड़ा बेकरार रहता जाने कौन आस-पास होता है <br><br>
जब भी यह दिल उदास होता है<br>
जाने कौन आस-पास होता है<br>
(2)
हाल-चाल ठीक-ठाक है
सब कुछ ठीक-ठाक है
बी.ए. किया है, एम.ए. किया
लगता है वह भी ऐंवे किया
काम नहीं है वरना यहाँ
आपकी दुआ से सब ठीक-ठाक है
(2)<br>हाल-चाल ठीकआबो-ठाक हवा देश की बहुत साफ़ है<br>सब कुछ ठीक-ठाक क़ायदा है<br>बी.ए. किया , क़ानून है, एम.ए. किया<br>लगता इंसाफ़ है वह भी ऐंवे किया<br>काम नहीं है वरना यहाँ<br>अल्लाह-मियाँ जाने कोई जिए या मरेआपकी दुआ से आदमी को खून-वून सब ठीक-ठाक माफ़ है <br><br>
आबोऔर क्या कहूं?छोटी-हवा देश की बहुत साफ़ है<br>मोटी चोरी, रिश्वतखोरीक़ायदा देती है, क़ानून है, इंसाफ़ है<br>अल्लाह-मियाँ जाने कोई जिए या मरे<br>अपा गुजारा यहाँआदमी को खूनआपकी दुआ से बाक़ी ठीक-वून सब माफ़ ठाक है <br><br>
और क्या कहूं?<br>गोल-मोल रोटी का पहिया चलाछोटीपीछे-मोटी चोरी, रिश्वतखोरी<br>पीछे चाँदी का रुपैया चलादेती है अपा गुजारा यहाँ<br>रोटी को बेचारी को चील ले गईआपकी दुआ से बाक़ी ठीक-ठाक है <br><br>चाँदी ले के मुँह काला कौवा चला
गोल-मोल रोटी और क्या कहूं?मौत का पहिया तमाशा, चला<br>है बेतहाशापीछेजीने की फुरसत नहीं है यहाँआपकी दुआ से बाक़ी ठीक-पीछे चाँदी का रुपैया चला<br>ठाक हैरोटी को बेचारी को चील ले गई<br>चाँदी ले के मुँह काला कौवा चला <br><br>हाल-चाल ठीक-ठाक है
और क्या कहूं?<br>
मौत का तमाशा, चला है बेतहाशा<br>
जीने की फुरसत नहीं है यहाँ<br>
आपकी दुआ से बाक़ी ठीक-ठाक है<br>
हाल-चाल ठीक-ठाक है<br><br>
(3)
अ-आ, इ-ई, अ-आ, इ-ई
मास्टर जी की आ गई चिट्ठी
चिट्ठी में से निकली बिल्ली
बिल्ली खाए जर्दा-पान
काला चश्मा पीले कान
कान में झुमका, नाक में बत्ती
हाथ में जलती अगरबत्ती
अगर हो बत्ती कछुआ छाप
आग में बैठा पानी ताप
ताप चढ़े तो कम्बल तान
वी.आई.पी. अंडरवियर-बनियान
(3)<br>अ-आ, इ-ई, अ-आ, इ-ई<br>मास्टर जी की आ गई चिट्ठी<br>चिट्ठी में से निकली बिल्ली<br>निकला मच्छरबिल्ली खाए जर्दामच्छर की दो लंबी मूँछेंमूँछ पे बाँधे दो-पान<br>दो पत्थरकाला चश्मा पीले कान<br>पत्थर पे इक आम का झाड़कान में झुमका, नाक में बत्ती<br>पूंछ पे लेके चले पहाड़हाथ में जलती अगरबत्ती<br>पहाड़ पे बैठा बूढ़ा जोगीअगर हो बत्ती कछुआ छाप<br>जोगी की इक जोगन होगीआग -गठरी में बैठा पानी ताप<br>लागा चोरताप चढ़े तो कम्बल तान<br>वी.आई.पी. अंडरवियर-बनियान <br><br>मुसाफिर देख चाँद की ओर
अ-आ, इ-ई, अ-आ, इ-ई<br>मास्टर जी की आ गई चिट्ठी<br>चिट्ठी में से निकला मच्छर<br>मच्छर की दो लंबी मूँछें<br>मूँछ पे बाँधे दो-दो पत्थर<br>पत्थर पे इक आम का झाड़<br>पूंछ पे लेके चले पहाड़<br>पहाड़ पे पै बैठा बूढ़ा जोगी<br>जोगी की इक एक जोगन होगी<br>- गठरी में लागा चोर<br>जोगन कूटे कच्चा धानमुसाफिर देख चाँद की ओर <br><br>वी.आई.पी. अंडरवियर बनियान
पहाड़ पै बैठा बूढ़ा जोगी<br>जोगी की एक जोगन होगी<br>जोगन कूटे कच्चा धान<br>वी.आई.पी. अंडरवियर बनियान <br><br> अ-आ, इ-ई, अ-आ, इ-ई<br>मास्टर जी की आ गई चिट्ठी<br>चिट्ठी में से निकला चीता<br>थोड़ा काला थोड़ा पीला<br>चीता निकला है शर्मीला<br>घूँघट डालके चलता है<br>मांग में सेंदुर भरता है<br>माथे रोज लगाए बिंदी<br>इंगलिश बोले मतलब हिंदी<br>‘इफ’ अगर ‘इज’ है, ‘बट’ पर<br>‘व्हॉट’ माने क्या<br>इंगलिश में अलजेब्रा छान<br>
वी.आई.पी. अंडरवियर-बनियान
</poem>