भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चिड़कली /अंकिता पुरोहित

707 bytes added, 11:56, 6 जुलाई 2013
'<poem>एक डाळी सूं दूजी डाळी भच्च कूदै चिड़कली पकड़ै अर ...' के साथ नया पन्ना बनाया
<poem>एक डाळी सूं
दूजी डाळी
भच्च कूदै चिड़कली
पकड़ै अर मारै फिड़कली।

आभै उडै
उतरै
काची डाळी
डरै नीं
डाळी रै तूटण सूं
उणनैं रैवै
पूरो विस्वास
आपरी आंख माथै
पांख माथै।

उडणो सिखावै मां
आंख-पांख
देन विधना री
पण
हूंस पाळै
खुद चिड़कली
उडै खुद, मारै फिड़कली
हूंस पाण उडै चिड़कली!</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,492
edits