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{{KKShayar}}
* [[ दिल बे-ताब-ए-मर्ग-ए-नागहाँ बाक़ी न रह जाए / 'मुशीर' झंझान्वी]]* [[हौसला दिल का हवादिस में बढ़ा रक्खा है / 'मुशीर' झंझान्वी]]* [[मोहब्बत में सहर ऐ दिल बराए नाम आती है / 'मुशीर' झंझान्वी]]* [[नसीब-ए-इश्क़ मसर्रत कभी नहीं होती / 'मुशीर' झंझान्वी]]* [[नज़रों की जिद से यूँ तो मैं ग़ाफिल नहीं रहा / 'मुशीर' झंझान्वी]]* [[सितम में भी शान-ए-करम देखते हैं / 'मुशीर' झंझान्वी]]* [[सोज़-ओ-गुदाज-ए-इश्क़ का चर्चा न कर सके / 'मुशीर' झंझान्वी]]* [[ताब-ए-नज़र से उन को परेशां किए हुए / 'मुशीर' झंझान्वी]]* [[तेरी चश्म-ए-सितम-ईजाद से डर लगता है / 'मुशीर' झंझान्वी]]