भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKShayar}}
====ग़ज़लें====
* [[ बे-तहाशा उसे सोचा जाए / सरवत ज़ोहरा]]* [[हज़ार टूटे हुए ज़ावियों में बैठी हूँ / सरवत ज़ोहरा]]* [[जब आह भी चूप हो तो ये सहराई करे क्या / सरवत ज़ोहरा]]* [[ख़ाली ख़ाली रस्तों पे बे-कराँ उदासी है / सरवत ज़ोहरा]]* [[सवाब की दुआओं ने गुनाह कर दिया मुझे / सरवत ज़ोहरा]]* [[तुम्हारी मुंतज़िर यूँ तो हज़ारों घर बनाती हूँ / सरवत ज़ोहरा]]