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फ़िसलना / पाब्लो नेरूदा

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{{KKAnooditRachna
|रचनाकार=पाब्लो नेरूदा
|संग्रह=नायक का के गीत/ पाब्लो नेरूदा
}}
[[Category:रूसी स्पानी भाषा]]<poem>
अगर फिर फ़िसलता है तुम्हारा पैर
 
तो वह कट कर अलग हो जाएगा
 
अगर किसी दूसरी डगर पर ले जाता है
 
तुम्हें, तुम्हारा हाथ
 
तो वह सड़-गल कर बेकार हो जाएगा
 
अगर तुम अपनी ज़िन्दगी मुझ से ले लेती हो
 
तो तुम जीते-जी मर जाओगी
 
फिरती रहोगी मारी-मारी, मेरे बिना
 
बेजान
 ::या साये की तरह ।तरह।</poem>
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