गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
तुम्हारी कविता / शर्मिष्ठा पाण्डेय
1 byte added
,
09:44, 3 अगस्त 2013
साल, दिन महीने गए मौसमों के साथ
पर, पतझड़ों में आज भी जीती है ये 'कविता'
इंसाफपसंद
इंसाफ पसंद
है खुदा, माकूल, उसका फैसला
पानी का पानी दूध का है दूध, ये 'कविता'
जो कर दो माफ़ तुम तो दे दे माफ़ी वो खुदा
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,147
edits