Changes

|रचनाकार=भूषण
}}
<poem>
बाने फहराने घहराने घंटा गजन के ,
 
नाहीं ठहराने राव राने देस-देस के .
 
नग भहराने ग्राम नगर पराने सुनि,
 
बाजत निशने सिवराज जू नरेस के .
 
हाथिन के हौदा उकसाने ,कुम्भ कुंजर के ,
 
भौन को भजाने अलि छूटे लट केस के .
 
दल को दरारेन ते कमठ करारे फूटे ,
 
कर के से पात बिहराने फन सेस के .
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,137
edits