भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
/* कविताएँ */
* [[हमरा जीवन के दिन खतम हो जाई / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / सिपाही सिंह ‘श्रीमंत’]]
* [[जेमें हमरा अंतिम गीत / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / सिपाही सिंह ‘श्रीमंत’]]
* [[जब तूँहमरा तूँ हमरा के आगेपीछे आगे-पीछे / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / सिपाही सिंह ‘श्रीमंत’]]
* [[जबले ते बच्चा लेखा बलहीन / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / सिपाही सिंह ‘श्रीमंत’]]
* [[हमार चित्त जब तहरे मे लीन होला / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / सिपाही सिंह ‘श्रीमंत’]]