Changes

बड़ा जानलेवा है ये दरमियाना
मुहबत मुहब्बत का अंजाम हरदम यही थाभवर भँवर देखना कूदना डूब जाना।
अभी मुझ से फिर आप से फिर किसी
मियाँ ये मुहबत मुहब्बत है या कारखाना।
ये तन्हाईयाँ, याद भी, चान्दनी भी,
गज़ब का वज़न है सम्भलके उठाना।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,148
edits