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महक उठा है आंगन इस खबर से / जॉन एलिया
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06:07, 1 सितम्बर 2013
{{KKRachna
|रचनाकार= जॉन एलिया
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CjnCvAnEnLo
ZpR44gVtwR4
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[[Category:ग़ज़ल]]
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महक उठा है आँगन इस ख़बर से
वो ख़ुशबू लौट आई है सफ़र से
मेरे मानन गुज़रा कर मेरी जान
कभी तू खुद भी अपनी रहगुज़र से
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</poem>
Sharda suman
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