भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उतारी जाए / चंद्रसेन विराट

22 bytes removed, 03:43, 13 सितम्बर 2013
|रचनाकार=चंद्रसेन विराट
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
उतारी जाए
 
अब हथेली न पसारी जाए.
धार पर्वत से उतारी जाए.
तोड़ दो हाथ दुशासनवाले
द्रौपदी अब न उघारी जाए..
 
*****
.
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,130
edits