|संग्रह=बोली तूं सुरतां / प्रमोद कुमार शर्मा
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[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
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वक्त री इण खौफनाक घाटी में
जठै फुसफसाणण् लाग रैया है कीं सब्द
फेर ई बोलणौ है
किस्सीक टेढ़ी सरत है इण घाटी री
जिण स्यूं गुजरण लाग रैया हां आपां । आपां।
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