Changes

लोकगीत

2,330 bytes removed, 17:18, 20 नवम्बर 2015
<div style="padding:10px; background:#ffffff">इस पन्ने पर विभिन्न भारतीय भाषाओं और बोलियों से लिये गये लोक गीत संकलित किये जाते हैं। '''यदि आप किसी ऐसी भाषा/बोली के लोक गीत जोड़ना चाहते हैं जो नीचे सूची में नहीं है -तो कृपया उस भाषा/बोली का नाम [[कविता कोश टीम]] को ईमेल द्वारा भेज दें।'''</div>
<div style="background:#FF831F">{{KKLokGeetBhaashaSoochi}}</div>
[[Category:कविता कोश]]
इस पन्ने पर विभिन्न भारतीय भाषाओं और बोलियों से लिये गये लोक गीत संकलित किये जाते हैं।<br><br>
 
'''यदि आप किसी ऐसी भाषा/बोली के लोक गीत जोड़ना चाहते हैं जो नीचे सूची में नहीं है -तो कृपया भाषा/बोली का नाम लिखते हुए लोक गीत को इसी पन्ने पर संकलित कर दें। [[कविता कोश टीम]] नयी भाषा/बोली को सूची में जोड़ देगी और आपके द्वारा जोड़े गये गीतों को भी सही जगह पर स्थानांतरित कर देगी।'''
 
<table align=center border=0 width=20% cellspacing=0 cellpadding=3>
<tr><td valign="top">
{{KKLokGeetBhaashaSoochi}}
</td></tr>
<table>
**[[यह गीत निमाड़ में शादी के समय मंडप में जब भाई मामेरा [निमाड़ी में इसे पेरावनी कहते है ]लेकर आता तब गाया जाता है इसका भावार्थ है ,बहनअपने भाई से कहती है ,मेरे भाई तुम जब भी पेरावनी [कपडे आदि ]लाओ तो मेरे पुरे परिवार के [साँस ससुर देवर जेठ आदि ]लिए लाना और नही तो अपने देश में ही रहना |भाई कहता है मेरे पास धन बहुत कम है विपति बहुत है परन्तु फ़िर भी मै जेसा तुम कहोगी वैसा ही मै लाऊंगा|
 
ब्य्नीका अंगना म पिपली रे वीरा चुन्ड लाव्जे |
लाव्जे तो सबई सारू लाव्जे रे वीरा
नही तो र्ह्य्जे आपणा देस माडी जाया चुन्ड लाव्ज*[[संपत थोडी वो ब्य्नी विपत घ्नेडी ,
कसी पत आउ थारा देस माडी जाई चुन्ड लाऊ
भाव्जियारो कंगन ग्य्नो मेल्जे रे वीरा चुन्ड लाव्जे |
लाव्जे तो सबई सारू लाव्जे रे वीरा चुन्ड लाव्जे
एतरो गरब क्यो बोलती वो ब्य्नी चुन्ड लांवा]][[*हमछे पांचाई भाई की जोत माडी जाई चुन्ड लावा]]