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|रचनाकार=भंवर भादाणी |संग्रह=थार बोलै / भंवर भादाणी
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{{KKCatRajasthaniRachna}}<Poempoem>
म्हूं जद भी
तड़पूं-कूरळावूं
टकरा‘र सुणीजै
पाछी-म्हारी पीड़।
</Poem>