भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बुगचौ / आईदान सिंह भाटी

36 bytes removed, 02:35, 19 अक्टूबर 2013
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatRajasthaniRachna}}{{KKCatKavita‎}}<poem>मां राखती बुरचै नै,
घणै जतन सूं।
उण मांय हा उणरा वै गाभा,
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits