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<Poempoem>  
हींडोळा सूना पड़या, सूनी तिजणियां
बिन बिरखा उपजै नही, मीठी रागणियां
उठती देखी बादळी, हिवडै़ हरख अपार
थां पर लादया गूदड़ा, थूं ई काळ बिसार
 </Poempoem>
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