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क्यांरी सावण तीज / शिवराज भारतीय
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Poem
poem
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हींडोळा सूना पड़या, सूनी तिजणियां
बिन बिरखा उपजै नही, मीठी रागणियां
उठती देखी बादळी, हिवडै़ हरख अपार
थां पर लादया गूदड़ा, थूं ई काळ बिसार
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Poem
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Sharda suman
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