भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ग्रहण / सुभाष काक

25 bytes added, 05:40, 14 नवम्बर 2013
|रचनाकार=सुभाष काक
|संग्रह=मिट्टी का अनुराग / सुभाष काक
}}{{KKCatKavita}}<poem>
ग्रहण के छादन में
पक्षी शाखाओं में छिप गए।
शुक्र का सूर्य में तिरोधन
और उसके पार गमन।
</poem>