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डरा पक्षी / सुभाष काक

25 bytes added, 05:47, 14 नवम्बर 2013
|रचनाकार=सुभाष काक
|संग्रह=मिट्टी का अनुराग / सुभाष काक
}}{{KKCatKavita}}<poem>
कांपते, रात के तूफान में
बिजली की चौंध में
सुदूर भूले देश में
रिमझिम पानी गिर रहा।
</poem>