भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|रचनाकार=सुभाष काक
|संग्रह=मिट्टी का अनुराग / सुभाष काक
}}{{KKCatKavita}}<poem>
कांपते, रात के तूफान में
बिजली की चौंध में
सुदूर भूले देश में
रिमझिम पानी गिर रहा।
</poem>