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<poem>लहर-बहर
एक लहर
लहर सागर की ।
सागर अथाह
अथाह जलराशि

'लहर ठहर ज़रा,'
पुकार-पुकार हारेंगे

लहर कभी रूकती है क्‍या !

लहर
थाह लेती है सागर की

-1998 ई0</poem>