भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवीन सी. चतुर्वेदी }} {{KKCatGhazal}} <poem>किसी ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नवीन सी. चतुर्वेदी
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>किसी और में वो लचक न थी किसी और में वो झमक न थी
जो ठसक थी उस की अदाओं में किसी और में वो ठसक न थी

न तो कम पड़ा था मेरा हुनर न तेरा जमाल भी कम पड़ा
तेरा हुस्न जिस से सँवारता मेरे हाथ में वो धनक न थी

फ़क़त इस लिये ही ऐ दोसतो मैं समझ न पाया जूनून को
मेरे दिल में चाह तो थी मगर मेरी वहशतों में कसक न थी

ये चमन ही अपना वुजूद है इसे छोड़ने की भी सोच मत
नहीं तो बताएँगे कल को क्या यहाँ गुल न थे कि महक न थी

मेरी और तेरी उड़ान में भला कैसे होता मुक़ाबला
मेरे साथ मेरे उसूल थे तेरे साथ कोई झिझक न थी
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits