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<poem>अभी तो आये हो ,
और आते ही जाने की बात कह दी!

कई लम्हातों के शिकवे तुमसे है करने हमे ,
मुद्दतो के वो गिले तुमसे हैं कहने हमे
दिल अभी भरा नहीं ...
और दिल दुखाने की शुरुवात कर दी!
अभी तो आये हो ,
और आते ही जाने की बात कह दी!

आँखों का है शिकवा हमें दीदार नहीं मिलता ,
मेरे चैन का है गिला ,मुझे करार नहीं मिलता ,
और क्या खे तन्हाई ...
तुमने जो रुसवा हो जाने की बात कह दी!
अभी तो आये हो ,
और आते ही जाने की बात कह दी!

मेरी तमन्नाओं को न अधूरा छोड़ कर जाओ ,
ख्वाब ही सही तुम ,यूँ न मुह मोड़ कर जाओ,
अभी तो याद अये हो....
और तुमने भूल जाने की बात कह दी!
अभी तो आये हो ,
और आते ही जाने की बात कह दी!
</poem>
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