Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= श्रद्धा जैन }} {{KKCatGhazal}} <poem> अभी से खुद ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= श्रद्धा जैन
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
अभी से खुद को आधा कर लिया है
बिछड़ने का इरादा कर लिया है

मोहब्बत से भी हम उकता गए हैं
ये सौदा भी ज़ियादा कर लिया है

भला वादे निभाये जाते हैं क्या ?
समझ कर हमने वादा कर लिया है

ये दुनिया आज भी रंगीन ही है
हम ही ने खुद को सादा कर लिया है

मुआफ़ उसको नहीं करना था लेकिन
अब इस दिल को कुशादा कर लिया है

</Poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits